मैं कुमारी इल्मा अफ़रोज़ की बिल्कुल भी तारीफ नहीं करूंगा – डॉ. श्रीकांत शर्मा

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बीबीएन के बहुत सारे लोगों की जुबान पर आजकल बद्दी की निवर्तमान एस पी कुमारी इल्मा अफ़रोज़ की ही चर्चा है और लगभग सभी लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं और उनको यहां से छुट्टी पर भेजने वाले नेताओं को जी भरकर कोस रहे हैं। लेकिन मैं कुमारी इल्मा अफ़रोज़ की बिल्कुल भी तारीफ नहीं करूंगा क्योंकि उसने आखिर ऐसे कदम क्यों उठाये जिनसे स्वयं को राजा समझने वाले नेताओं की नींद हराम कर दी हो और तमाम उन ठिकानों पर रेड़़ कर दी हो जहां बहुत सारे लोगों की आय के साधन छुपे हों ।

इल्मा अफ़रोज़ जी से किसने कहा था कि बद्दी के कुछ धनाढ्य लोगों का भरण पोषण करने वाले कबाड़ माफिया पर हाथ डाले उन्हें तंग करें और उनकी नाक में नुकेल डाले , इल्मा अफ़रोज़ जी से किसने कहा था कि लोगों को बड़े बड़े पदों पर सुशोभित करने वाले और क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण और स्वयंभू सम्मानित महानुभावों की जीवनरेखा समझे जाने वाले व्यापार ,खनन पर कड़ा प्रहार करे और खनन माफिया पर लगाम लगाए , आखिर इल्मा अफ़रोज़ जी से किसने कहा था कि चिट्टा ,भुक्की, हैरोइन या अन्य मादक पदार्थों का व्यापार बन्द करवाने की कूचेष्टा करें जो व्यापार बड़े बड़े लोगों की तिजोरियों को भरने में सहायक हो और इल्मा अफ़रोज़ जी से किसने कहा था कि बीबीएन में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब मजदूरों के उन सैंकड़ों बच्चों को जो कबाड़ का काम कर रहे थे और अपने मूल भूत अधिकार शिक्षा से वंचित हो रहे थे कि उन्हें पढ़ाने का काम करें , पुस्तकें बांटें और उनका जीवन स्तर सुधारने की कोशिश करे ।दून के लोगों को ऐसी एस पी चाहिए भी नहीं क्योंकि सत्ता के भूखे नेताओं और सरकारों को ऐसे अफसरों की जरूरत नहीं है जो ईमानदार हो और ईमानदारी से लोगों की सेवा करे सरकार को चाहिए कमीशनखोर और ऐसे अफसर जो केवल सरकार और और सत्ताधीशों की बात सुने , कबाड़ माफिया, खनन माफिया और मादक पदार्थों की तश्करी करने वालों को फलने फूलने दें । 

पहले एस पी गौरव और अब इल्मा अफ़रोज़ जैसी ईमानदार,आम आदमी और गरीब, मजबूर की बात सुनने वाली अफसर का तबादला कर लोगों का सुख चैन छीनने का घटिया काम जिस किसी ने भी किया है या करवाया है यह अति निन्दनीय है असल में लगता है कि कुछ लोग सरकार और गुंडा तत्वों की मिलि भक्त से प्रशासन और शासन चलाने का प्रयत्न कर रहे हैं जो किसी भी दृष्टि में उचित नहीं है असल में नेताओं का यह प्रयास है कि बद्दी में ऐसे अफसर आएं और अधिकतर ऐसे ही आते हैं जो बड़ी बड़ी सिफारिशों से या मोटा तगड़ा धन खर्च कर यहां आ जाते हैं और वर्षों तक यहां रहकर खूब अपनी और अपने परिवार की सेवा करते हैं और फिर उनका यहां से जाने को मन नहीं करता आपको दर्जनों उदाहरण ऐसे मिल जाएंगे जो वर्षों से यहीं पर टिके हुए हैं । लेकिन ताज्जुब इस बात का भी है कि सरकार किसी की भी हो नेता कोई भी हो – पार्टियों से जुड़े किसी नेता का काम होता हो या ना होता हो परन्तु ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की सरकार अवश्य होती है और इनका काम कभी नहीं रूकता ।

बीबीएन में कईं महत्वपूर्ण विभाग ऐसे हैं जहां चन्द लोगों ने वर्षों राज किया है और कर रहे हैं। ऐसे समय काटू अफसर ही सरकारों और नेताओं की पसन्द हैं जो अपने कान आंख बन्द कर केवल नेताओं की सुने और इनका ही कहना माने और कबाड़ माफिया,खनन माफिया,चिट्टा भुक्की और अन्य मादक बेचने वाला माफिया को बिल्कुल तंग ना करें और इन तत्वों को फलने फूलने दें बस जेबें गर्म होती रहें अन्त में केवल इतना कहुंगा कि इल्मा अफ़रोज़ का यहां से जाना माफियाओं का उत्साह बढ़ाएगा और जो लोग ईमानदारी से लोगों का काम करना चाहते हैं और जन सेवा करना चाहते हैं ऐसे बचे खुचे अफसरों का होंसला परस्त करेगा । मेरी पूरी सहानुभूति कुमारी इल्मा अफ़रोज़ जी से है जिन्होंने अपने छोटे से कार्यकाल में अपने व्यवहार और काम करने के तरीक़े से हर किसी का ध्यान अपनी और आकृष्ट किया है और आम आदमी, मजदूर, किसान, झुग्गी झोपड़ियों में काम करने वाले छोटे दुकानदारों जैसे लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है मुझे लगता है कि इल्मा अफ़रोज़ जी ईमानदारी से समाज का कम करने और बीबीएन को अपराध मुक्त, नशाखोरों और खनन माफिया से मुक्त करने की सजा भुक्त रही है ।

लेकिन आज मुझे तरस आता है ऐसे नेताओं पर जो लोगों की आंखों में धूल झोंक कर और धन और‌ बाहुबल के जोर से सत्ता में तो आ जाते हैं लेकिन समाजसेवा को भूलकर – राजनीति की मूल भावना से बलात्कार करते हैं और सत्ता के नशे में मदहोश होकर भगवान के इन्साफ करने के तौर तरीकों की भी परवाह नहीं करते भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे और इल्मा अफ़रोज़ जी को ईश्वर का हमेशा आशीर्वाद मिलता रहे

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